हम व़ोह हम न होंगे,तुम व़ोह तुम न होगे
आज के बाद
अब किसी के ग़म न होंगे,दामन हमारे नम न होंगे
फुरसत की दोपहर न होगी, अलसाई सी सेहर न होगी
आज के बाद
तिनका तिनका बुने सपने न होंगे,पास कोई अपने न होंगे
यादों की बारात न होगी,भूली बिसरी बात न होगी
आज के बाद
पर आज बीत जाता है,कल,आज कल हो जाता है
शायद फिर जब मिलें
आज के बाद
वोही हम होंगे वोही तुम होगे
विशद
No comments:
Post a Comment