Tuesday, September 14, 2010

pyar ki paribhasha

क्या है प्यार,क्या कभी सुनी है इसकी परिभाषा?
क्या लेना और देना ही प्यार है?
क्या जिस्मों की नजदीकी ही प्यार है?
क्या हंसी और ख़ुशी ही प्यार है?
क्या रंग और रूप ही प्यार है?
क्या यौवन और श्रृंगार ही प्यार है?
क्या सावन और झूले ही प्यार है?
क्या चंदा और तारे ही प्यार है?

कल देखा था एक वृद्ध दंपत्ति को किराने  की दुकान से राशन खरीदते, और जगी
थी प्यार की परिभाषा बनने की उम्मीद
दो नो के बीच की गहरी ख़ामोशी पर ताल मेल ऐसा जैसे दोनों एक ही हों
शायद उम्र के साथ प्यार की भी कई सरहदें पर कर चुके थे वो
शायद उनकी परिभाषा ही सही हो
शायद.......

विशद  

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