कुछ रिश्तों के नाम नहीं होते
कुछ पल बसे रहते हैं आँखों में
बरसों जीवन के बदलते मौसमों की
मार सहकर भी अनजान नहीं होते
कुछ यादें बन जाती हैं सहारा ज़िन्दगी का
ले जाती हैं अपने साथ एक दूसरी दुनियां में
छुपा लेती हैं अपने गर्म आलिंगन में
ठहर जाते हैं,कुछ और पल, हम तमाम नहीं होते
बिखरे रिश्ते जुड़ भी सकते हैं
विमुख रास्ते मुड़ भी सकते हैं
आशायें जीवन का पर्याय हैं
हमें समझना है
हर दिन एक से आसमान नहीं होते.
जीवन से रिश्ता जोड़ना है
थक कर बैठ, फिर उठना है
दूसरे के रास्तों पर तो कोई भी चल सकता है
अपने बनाये पथ आसान नहीं होते.
विशद
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